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भक्ति करता छूटे म्हारा प्राण, प्रभुजी इवु मांगु रे

  Gujarati Hindi  ભક્તિ કરતાં છૂટે મારાં પ્રાણ, પ્રભુજી એવું માંગુ રે भक्ति करता छूटे म्हारा प्राण, प्रभुजी इवु मांगु रे રહે જનમો જનમ તારો સાથ, પ્રભુજી એવું માગુ રે रहे जनमो जनम तारो साथ, प्रभुजी इवु मांगु रे તારું મુખરૂં મનોહર હું જોયા કરું तारु मुखरु मनोहर हुं जोया करुं રાત દિવસ ભજન તારું કર્યા કરું रात दिवस भजन तारु कर्या करुं રહે અંત સમય તારું ધ્યાન, પ્રભુજી એવું માંગુ રે……. रहे अंत समय तारु ध्यान, प्रभुजी इवु मांगु रे……. મારી આશા નિરાશા કરશો નહીં मारी आशा निराशा करशो नहीं મારા અવગુણ હૈયામાં ધરશો નહીં मारा अवगुण हैयामा धरशो नहीं શ્વાસે શ્વાસે રટુ તારું નામ, પ્રભુજી એવું માંગુ રે श्वासे श्वासे रटु तारु नाम, प्रभुजी इवु मांगु रे મારા પાપને તાપ સમાવી લેજો मारा पापने ताप समावी लेजो તારા બાળકને દાસ બનાવી લેજો तारा बालकने दास बनावी लेजो ...

राघव ललन तेरे कोमल चरण

राघव ललन तेरे कोमल चरण, कहीं कंकड़िया गढ़ी नहि जाए। राघव ललन तेरे कोमल चरण, कहीं कंकड़िया गढ़ी नहि जाए। नवरा जीव चरण अरुणारे, खेलन बिनु पाणहिं पधारे। नीरज नयन मोद मंगल अयन, लाल तेरी मैं लेती बलाय। राघव ललन तेरे कोमल चरण, कहीं कंकड़िया गढ़ी नहि जाए। रवि कर उदित शीश नहिं छाही, बदन निरखि सर सिज सकुचाहीं। सूरज किरण पड़े असरन सरज, क्यों मुखड़ा नहीं कुम्हलाय। राघव ललन तेरे कोमल चरण, कहीं कंकड़िया गढ़ी नहि जाए। लालन यहीं आंगन मिल खेलो, कल बल वचन तोतरे बोलो। चितवन चपल चाल मंजुल मचल, देख सुषमा सरस तरसाय। राघव ललन तेरे कोमल चरण, कहीं कंकड़िया गढ़ी नहि जाए। खेलन को अब दूरी न जाओ, ठुमक-ठुमक पग नाच दिखाओ। सुन्दर सुवन देव बरसे सुमन आज, दास गिरधर बल-बलि जाए। राघव ललन तेरे कोमल चरण, कहीं कंकड़िया गढ़ी नहि जाए।

हर मंदिर में श्याम होना चाहिए

गली-गली ऐलान होना चाहिए, हर मंदिर में श्याम होना चाहिए। दुनिया में हारे का सहारा केवल बाबा श्याम है, हारे हुए को जीत दिलाना बाबा की पहचान है, दुनिया को ये ज्ञान होना चाहिए… हर मंदिर में श्याम होना चाहिए। अगर श्याम से मिले ना होते रह जाते हैं मझधार में, भूले भटके भी नहीं आती खुशी मेरे परिवार में, दिल इसपे कुर्बान होना चाहिए… हर मंदिर में श्याम होना चाहिए। जैसा मेरा काम हुआ भाई इस दुनिया का काम हो, हो चाहे मंदिर किसी देव का उस श्याम हो, इतना तो सम्मान होना चाहिए… हर मंदिर में श्याम होना चाहिए। ‘बनवारी’ गर मिलो  किसी से  उसको जय श्री श्याम कहो, हाथ जोड़ कर बार-बार तुम जय हो खाटू धाम कहो, इतना तो गुणगान होना चाहिए… हर मंदिर में श्याम होना चाहिए। गली-गली ऐलान होना चाहिए, हर मंदिर में श्याम होना चाहिए।

मैं तो कहुँ सांवरिया बाँसुरिया वाला

कोई कहे गोविंदा , कोई गोपाला। मैं तो कहुँ सांवरिया बाँसुरिया वाला॥ --- राधाने श्याम कहा , मीरा ने गिरधर। कृष्णा ने कृष्ण कहा , कुब्जा ने नटवर॥ ग्वालो ने तुझको पुकारा गोपाला। मैं तौ कहुँ साँवरिया बाँसुरिया वाला॥ --- घनश्याम कहते हैं बलराम भैया। यशोदा पुकारे कृष्ण कन्हैया॥ सुरा की आँखों कें तुम हो उजाला। मैं तो कहुँ साँवरिया बाँसुरिया वाला॥ --- भीष्म ने बनवारी , अर्जुन ने मोहन। छलिया भी कह कर के बोला दुर्योधन॥ कन्स तो जलकर के कहता है काला। मैं तो कहुँ सांवरिया बाँसुरिया वाला॥   --- भक्तों के भगवान , संतो के केशव। भोले कन्हैया तुम मेरे माधव॥ ग्वालिनिया तुझको पुकारे नंदलाला। मैं तौ कहुँ साँवरिया बाँसुरिया वाला॥ -- कोई कहे गोविंदा , कोई गोपाला। मैं तो कहुँ सांवरिया बाँसुरिया वाला॥

जय सुरनायक जन लिरिक्स

  जय जय सुरनायक जन सुखदायक प्रनतपाल भगवंता । गो द्विज हितकारी जय असुरारी सिधुंसुता प्रिय कंता ॥ पालन सुर धरनी अद्भुत करनी मरम न जानइ कोई । जो सहज कृपाला दीनदयाला करउ अनुग्रह सोई ॥ जय जय अबिनासी सब घट बासी ब्यापक परमानंदा । अबिगत गोतीतं चरित पुनीतं मायारहित मुकुंदा ॥ जेहि लागि बिरागी अति अनुरागी बिगतमोह मुनिबृंदा । निसि बासर ध्यावहिं गुन गन गावहिं जयति सच्चिदानंदा ॥ जेहिं सृष्टि उपाई त्रिबिध बनाई संग सहाय न दूजा । सो करउ अघारी चिंत हमारी जानिअ भगति न पूजा ॥ जो भव भय भंजन मुनि मन रंजन गंजन बिपति बरूथा । मन बच क्रम बानी छाड़ि सयानी सरन सकल सुर जूथा ॥ सारद श्रुति सेषा रिषय असेषा जा कहुँ कोउ नहि जाना । जेहि दीन पिआरे बेद पुकारे द्रवउ सो श्रीभगवाना ॥ भव बारिधि मंदर सब बिधि सुंदर गुनमंदिर सुखपुंजा । मुनि सिद्ध सकल सुर परम भयातुर नमत नाथ पद कंजा