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हर मंदिर में श्याम होना चाहिए

  गली गली ऐलान होना चाहिए , हर मंदिर में श्याम होना चाहिए , दुनिया में हारे का सहारा केवल बाबा श्याम है , हारे हुए को जीत दिलाना बाबा की पहचान है , दुनिया को ये ज्ञान होना चाहिए ……… अगर श्याम से मिले ना होते रह जाते हैं मझधार में , भूले भटके भी नहीं आती खुशी मेरे परिवार में , दिल इसपे कुर्बान होना चाहिए …… जैसा मेरा काम हुआ भाई इस दुनिया का काम हो , हो चाहे मंदिर किसी देव का उस श्याम हो , इतना तो सम्मान होना चाहिए …. ‘ बनवारी ’ गर मिलो किससे उसको जय श्री श्याम कहो , हाथ जोड़ कर बार बार तुम जय हो खाटू धाम कहो , इतना तो गुणगान होना चाहिए ………

मैं तो कहुँ सांवरिया बाँसुरिया वाला

कोई कहे गोविंदा , कोई गोपाला। मैं तो कहुँ सांवरिया बाँसुरिया वाला॥ --- राधाने श्याम कहा , मीरा ने गिरधर। कृष्णा ने कृष्ण कहा , कुब्जा ने नटवर॥ ग्वालो ने तुझको पुकारा गोपाला। मैं तौ कहुँ साँवरिया बाँसुरिया वाला॥ --- घनश्याम कहते हैं बलराम भैया। यशोदा पुकारे कृष्ण कन्हैया॥ सुरा की आँखों कें तुम हो उजाला। मैं तो कहुँ साँवरिया बाँसुरिया वाला॥ --- भीष्म ने बनवारी , अर्जुन ने मोहन। छलिया भी कह कर के बोला दुर्योधन॥ कन्स तो जलकर के कहता है काला। मैं तो कहुँ सांवरिया बाँसुरिया वाला॥   --- भक्तों के भगवान , संतो के केशव। भोले कन्हैया तुम मेरे माधव॥ ग्वालिनिया तुझको पुकारे नंदलाला। मैं तौ कहुँ साँवरिया बाँसुरिया वाला॥ -- कोई कहे गोविंदा , कोई गोपाला। मैं तो कहुँ सांवरिया बाँसुरिया वाला॥

जय सुरनायक जन लिरिक्स

  जय जय सुरनायक जन सुखदायक प्रनतपाल भगवंता । गो द्विज हितकारी जय असुरारी सिधुंसुता प्रिय कंता ॥ पालन सुर धरनी अद्भुत करनी मरम न जानइ कोई । जो सहज कृपाला दीनदयाला करउ अनुग्रह सोई ॥ जय जय अबिनासी सब घट बासी ब्यापक परमानंदा । अबिगत गोतीतं चरित पुनीतं मायारहित मुकुंदा ॥ जेहि लागि बिरागी अति अनुरागी बिगतमोह मुनिबृंदा । निसि बासर ध्यावहिं गुन गन गावहिं जयति सच्चिदानंदा ॥ जेहिं सृष्टि उपाई त्रिबिध बनाई संग सहाय न दूजा । सो करउ अघारी चिंत हमारी जानिअ भगति न पूजा ॥ जो भव भय भंजन मुनि मन रंजन गंजन बिपति बरूथा । मन बच क्रम बानी छाड़ि सयानी सरन सकल सुर जूथा ॥ सारद श्रुति सेषा रिषय असेषा जा कहुँ कोउ नहि जाना । जेहि दीन पिआरे बेद पुकारे द्रवउ सो श्रीभगवाना ॥ भव बारिधि मंदर सब बिधि सुंदर गुनमंदिर सुखपुंजा । मुनि सिद्ध सकल सुर परम भयातुर नमत नाथ पद कंजा