गणेश जी का होली का भजन - गणपत लाला ने सुमरे
गणपत लाला नै सुमरे छै दुनिया सारा पहली रे
ऊंची पैड़ी चढ़कर यांको बण्यो दिवालों भारी रे
रिद्धि सिद्धि दोन्यूं चंवर ढुलाए,शोभा भारी रे..//1//
मोती डूंगरी नीचे बैठ्यो देखो सून्ड सून्डयालोंं रे
अर मोटा मोटा लाडू खावे , दून्द दून्दयालो रे ...//2//
दुनिया सारी शरण आवे करें बंदगी भारी रे
अर बाबो सबका काम बणावे, महिमा भारी रे...//3//
एक दन्त दया को धारी मूसा की असवारी रे
अर मां गौरा को लाल कहावे, शिव को प्यारों रे...//4//
"जगन्नाथ" शिव डमरू हालो,सब देवा में निरालों रे
अर गणपत ने पहली पूजवावै,पोली माले रे ...//5//
Comments
Post a Comment