Saturday 23 March 2024

आज लली ऐसी बनइयो नन्दलाल को - Holi ka Bhajan

आज लली  ऐसी बनइयो नन्दलाल को

आज लली ऐसी बनइयो नन्दलाल को

ऐसी बनइयो नंदलाल को, हो हो

ऐसी बनइयो गोपाल को, आज  लाली ऐसी बनइयो नन्दलाल को

 

घूम घुमारो कसक मोहरी लहंगा

घूम घुमारो कसक मोहरी लहंगा

अंगिया का मोती नगीने से महंगा

अंगिया का मोती नगीने से महंगा

चुनड़ी उढ़ाईओ नन्दलाल को

मेरी सखी चुनड़ी उढ़ाईओ बृजलाल  को

आज लली ऐसी बनइयो नन्दलाल को !! -2

 

 छोटे छोटे  हाथों में फूलों के गज़रा

छोटे छोटे  हाथों में फूलों के गज़रा

बड़े बड़े नैनों में झीनो झीनो कजरा

बड़े बड़े नैनों  में झीनो झीनो कजरा

बिंदिया लगईओ गोपाल को

मेरी सखी बिंदिया लगईओ गोपाल को

आज लली ऐसी बनइयो नन्दलाल को !! -2

 

ऐसी लली जाके नैनों में डोरे

ऐसी लली जाके नैनों में डोरे

अचरज में डूबे ये गोकुल के छोरे

अचरज में डूबे ये गोकुल के छोरे

नथनी पहनियो नन्दलाल को

मेरी सखी नथनी पहनियो नन्दलाल को

आज लली ऐसी बनइयो नन्दलाल को !! -

 

ऐसी लगे जैसे गोने से आयी

ऐसी लगे जैसे गोने से आयी

लज्जा शर्म जैसे पीहर से लायी

लज्जा शर्म जैसे पीहर से लायी

घूँघट निकालो सवा हाथ को

मेरी सखी घूँघट निकालो सवा हाथ को

आज लली ऐसी बनइयो नन्दलाल को !! -

 

नारायण छवि पे वरु मैं तन मन

नारायण छवि पे वरु मैं तन मन

बृज में रहे बारह महीनों ये फाल्गुन

बृज में रहे बारह महीनों ये फाल्गुन

विनती सुनइयो  नन्दलाल को

मेरी सखी विनती सुनइयो गोपाल को

आज लली ऐसी बनइयो नन्दलाल को !! -

आज लली ऐसी बनइयो नन्दलाल को !! -

 

होली है होली है होली है होली है

होली है होली है होली है होली है

वृन्दावन में होली है वृन्दावन में होली है

 वृन्दावन में होली है

 वृन्दावन में होली है

हो हो हो हो होली है, हो हो हो हो होली है

हो हो हो हो होली है, हो हो हो हो होली है

 

होली के रसिया की जय हो !!

 

 


Saturday 20 January 2024

घर आएं हैं लक्ष्मण राम, अयोध्या नगरी फूल रही

 घर आएं हैं लक्ष्मण राम,

अयोध्या फूल रही॥

बागा फूल बग़ीचा फूल्या,
फूल रही बनराइ,
पूरी अयोध्या ऐसी फूली,
फूली कौशल्या हरी की माया,
अयोध्या नगरी फूल रही,
घर आएं हैं लक्ष्मण राम,
अयोध्या फूल रही॥

पहले भाई भरत सूं मिलिया,
पीछे कैकई माई,
अवधपुरी का सबसू मिलिया,
मिलिया कौशल्या हरी की माय,
अयोध्या नगरी फूल रही,
घर आएं हैं लक्ष्मण राम,
अयोध्या नगरी फूल रही॥

उरे गाय को गोबर मंगवाओ,
घर आँगन नीपवाओं,
माणक मोत्यां चौक पुरावो,
कुम्भ कलश भदरावो जी,
अयोध्या नगरी फूल रही,
घर आएं हैं लक्ष्मण राम,
अयोध्या फूल रही॥

सीता राम सिंघासन बैठ्या,
लक्ष्मण चँवर ढ़ुलावे,
गुरु वशिष्ठ जी पूजा किन्ही,
सखियाँ मंगल गावे,
अयोध्या नगरी फूल रही,
घर आएं हैं लक्ष्मण राम,
अयोध्या फूल रही॥

अवधपुरी की सब नर नारी,
धरी कलश पर झारी,
भर भर मुट्ठी मोहर उवारें,
सूरत की बलिहारी,
अयोध्या नगरी फूल रही,
घर आएं हैं लक्ष्मण राम,
अयोध्या फूल रही॥

मात कौशल्या पुछण लागी,
कहो लंक की बात,
किस विध गढ़ लंका जीती,
किस विध ल्याया सीता जाय,
अयोध्या नगरी फूल रही,
घर आएं हैं लक्ष्मण राम,
अयोध्या नगरी फूल रही॥

ठाट बाट लक्ष्मण ने रोक्या,



ओघट रोक्या राम,






दरवाजा लक्ष्मण ने रोक्या,
कूद पड़े जी हनुमान,
अयोध्या नगरी फूल रही,
घर आएं हैं लक्ष्मण राम,
अयोध्या फूल रही॥

रावण मार राम घर आये,
घर घर बटत बधाई,
सुर जन मुनि जन करत आरती,
तुलसी दास यश गाये,
अयोध्या नगरी फूल रही,
घर आएं हैं लक्ष्मण राम,
अयोध्या फूल रही॥

घर आएं हैं लक्ष्मण राम,
अयोध्या नगरी फूल रही॥